बुधवार, 27 जून 2018

पीर

आपने भी हरी चादर लेकर घूमते कुछ दाढ़ी वालों को देखा होगा या बहुत लोग पीर की पूजा करने जाते भी होंगे।

आखिर क्या है पीर..? आइए जानते हैं...

मुस्लिम राजा का यह एक अधिकारी होता था, जिसे पीर कहा जाता था। जिसकी नौ गज के घेरे तक सुरक्षा रहती थी, जैसे आजकल सुरक्षा कमांडो मुख्यमंत्री को घेरा बनाकर चलते हैं। गावों में लगान आदि इकट्टा करने का जिम्मा पीर का होता था। रैवैन्यु गांव के एक निश्चित स्थान पर सभी लोग उस पीर के पास जाकर मुगलों का टैक्स देते थे!। वो टैक्स केवल हिंदूओं पर ही था जिसको जजिया कर भी कहते थे।
जो हिन्दू परिवार वह जजिया कर देने से मना कर देता था, तो उस पीर के साथ नौ गज के घेरे में रहने वाले सुरक्षा कर्मी गांव में सबके सामने, उस जजिया कर न चुकाने वाले परिवार की सबसे सुंदर बहु या बेटी को नंगा करके लाते थे व सबके सामने उसके साथ बलात्कार किया जाता था। ताकि किसी की हिम्मत ना पड़े बाद में जजिया कर देने से मना करने की... सबके सामने हो रहे, इस घिनौने बलात्कार के समय कुछ लोग उस बहु बेटी के उपर चादर डाल देते थे व गांव के बाकी लोग डर के मारे लगान व जजिया कर (पैसा) उसी चादर के ऊपर या उसके पास धड़ाधड़ डालते चले जाते थे।
और हाथ जोड़ लेते थे, सिर झुकाते थे कि कहीं उनके ऊपर भी पीर या उसके नौ गज के घेरे वाले सुरक्षा देने वाले मुल्ले कोई अत्याचार ना करें।
यह है उन पीरों की सच्चाई... जब वह दुष्ट नीच पीर मरे थे, तब भी मूर्ख अज्ञानी हिंदुओ में उनके प्रति वही घबराहट व भयंकर खौफ बना रहा और फिर यह पीढ़ी दर पीढी परम्परा लोगों के दिमाग में बैठ गई। ऐसे राक्षस पीरों के मरने के सदियों बाद भी मूर्ख हिंदु डर के मारे उनकी कब्रों पर वही चादर व पैसा चढ़ाता हैै‌ अर्थात जिस-जिस नीच पीर ने मूर्ख हिंदुओं की बहन-बेटियों की इज्जत लूटी, यह मूर्ख उनकी ही कब्रों (पीरो) पर माथा रगड़ता फिरते है। कहीं नौकरी मांगता फिरता है, तो कहीं पुत्र और धन दौलत व व्यापार या तरक्की के लिए माथा रगड़ता है।

क्या इससे अधिक कायरता व मूर्खता की मिसाल दुनियां में कहीं मिल सकती है..!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें