शनिवार, 10 जून 2017

अपना जन्मदिन/Birthday कैसे मनाएं...

हर व्यक्ति को वो चाहे स्त्री हो या पुरुष, छोटा हो या बड़ा अपना जन्मदिवस बहुत ही प्रिय होता हैं। सभी लोगो को अच्छा लगता हैं, जब लोग उनके जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएँ दें। परिवार के सदस्य, अभिन्न मित्र उस दिन साथ में समय बिताएं। इसीलिए अधिकतर सभी लोग अपना जन्मदिवस बहुत प्रसन्नता से मानते हैं, लेकिन क्या हमें मालूम है कि इस महत्वपूर्ण दिन में हम क्या करें... जिससे ईश्वर की कृपा मिले, जिससे जीवन में सुख-शान्ति, आरोग्य, दीर्घायु, सम्पन्नकता, यश और सफलता की प्राप्ति हो।


वर्तमान युग में अधिकतर लोग पाश्चात्य सभ्यता से प्रभावित होकर अपना जन्मदिन रात में धूम-धड़ाका करके मानते हैं। लोग रात्रि में पहले केक पर मोमबत्ती जलाकर उसे फूंक मार कर बुझा देते हैं, फिर उस केक को जिस पर उनका नाम लिखा होता हैं, उसे काटकर सब लोगो को खिलाते हैैं। उस रात्रि में लोग मौज-मस्ती करके माँस-मदिरा का सेवन करते हैं जो कि सर्वथा गलत हैं। इस संसार में प्रत्येक जातक का जन्म किसी ना किसी उद्देश्य से ही हुआ हैं, ईश्वर ने हम सभी पर बहुत बड़ी कृपा की हैैं कि हमें 84 लाख योनियों में मनुष्य योनि में जन्म दिया हैं। हमें इस बात का अवश्य ही ध्यान देना चाहिए कि ईश्वर ने हमें जितनी आयु दे रखी हैं, उसकी अवधि शने: शने: समाप्त हो रही हैं... इसलिए इस दिन हम ईश्वर से अपनी सभी पिछली जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए क्षमा माँगते हुए उन्हें अब तक के जीवन के लिए धन्यवाद दें। उनसे प्रार्थना करें कि हमारा आने वाला जीवन और भी अधिक सार्थक और उद्देश्य पूर्ण साबित हो।

आइए जानते हैं जन्मदिवस कैसे और कब बनाना चाहिए :-

1. हम जन्मदिन दिनांक के आधार पर मानते है लेकिन हमें अपना जन्मदिन तिथि के अनुसार मनाना चाहिए। तिथि अनुसार जन्मदिन मनाने से हमें देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। हम जिस दिन पैदा हुए थे... उस दिन की तिथि, वार, नक्षत्र का स्मरण करते हुए वर्तमान तिथि, वार, नक्षत्र से अपने सफल जीवन के लिए प्रार्थना करें। इससे हमें परम पिता परमेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। इसलिए हमें जन्मदिन तिथि के अनुसार ही मनाना चाहिए।


हमें यदि अपना जन्म दिन याद हैं तो किसी भी पंडित से मिलकर पंचाग के माध्यम से बहुत आसानी से हम अपनी जन्मतिथि और माह को ज्ञात कर सकते हैं।

लोग कहते जन्म_दिन हैं लेकिन मनाते इसे रात्रि में हैं... ऐसा क्यों..? जन्मदिन को देर रात्रि में नहीं मनाना चाहिए, यह शुभ नहीं होता हैं। रात्रि का सम्बन्ध अंधेरे से है और दिन का रोशनी से तो आखिर क्यों हम अपना जन्म दिन को रात्रि में मनाकर अपने जीवन में खुद ही अंधेरा करते है..! इसलिए जन्मदिन दिन के समय में ही मनाना उचित हैं।

2. जन्मदिवस के दिन/प्रतिदिन प्रात: बेला में उठकर सबसे पहले ईश्वर का ध्यान करते हुए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ते हुए...

कराग्रे वस्ते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।

मन्त्र का जाप करके हथेलियों को तीन बार चूमें ।

फिर सबसे पहले अपने माता -पिता और बड़ों का आशीर्वाद ले... क्योंकि उन्हीं के कारण आज आपका अस्तित्व हैं। उन्ही के आशीर्वाद से आप बड़े से बड़े संकट से बाहर निकलते रहें हैं। फिर स्नान, पूजा करने के बाद आप अपने गुरु का आशीर्वाद भी अवश्य ही लें। वह गुरु आपका अध्यापक / आपको राह दिखाने वाला / आपका अधिकारी / आपका आदर्श, प्रेणना स्रोत्र कोई भी हो सकता हैं। मनु स्मृति में लिखा है कि

मातृदेवो भव: पितृदेवो भव:
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः

चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।।

अर्थात जो व्यक्ति नित्य अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को प्रणाम करते हैं, उनकी सेवा करते हैं उनकी आयु, विद्या, यश तथा बल यह सभी चार पदार्थ बढ़ते रहते हैं।

3. अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर मंदिर में ईश्वर की पूजा अर्चना करके उनके चरणों में फल, फूल, नारियल, मिठाई, दक्षिणा आदि अर्पण कर अपने जीवन में सुख-शांति और सभी संकटो से मुक्ति के लिए आशीर्वाद माँगना चाहिए।
जन्मदिवस के दिन हमें अपने दाहिने कलाई पर रक्षा मंत्र के साथ किसी पण्डित से रक्षा सूत्र (कलावा) बंधवाकर माथे पर सौभाग्य के लिए तिलक लगवाना चाहिए।
इस दिन अपने घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान, हवन आदि करके उसका प्रशाद लोगो में बँटवाना चाहिए।

4. इस दिन अन्न, फल का दान अवश्य ही करना चाहिए, जिससे हम पर माँ अन्नपूर्ण की सदैव कृपा बनी रहें।

5. जन्मदिवस के शुभ अवसर पर घर पर ही सात्विक भोजन/ पकवान बनाकर, सबसे पहले घर के मंदिर में ईश्वर को भोग लगाएं, फिर अपने पितरों को स्मरण करते हुए कम से कम एक ब्राह्मण को बुला कर प्रेम, श्रद्धा और आदर के साथ अपने हाथों से परोस कर भोजन करवाएं। भोजन के अंत में उन्हें खीर, हलवा आदि मीठा अवश्य खिलाएं, फिर उन्हें यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर उनके चरण छूकर उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें... इससे जिसका जन्मदिवस है उसे ईश्वर, पितृ और ब्राह्मण सभी की कृपा मिलती है, धर्म की प्राप्ति होती हैं, जीवन से अस्थिरता दूर होती हैं और आने वाला समय शुभ फलों को प्रदान करने वाला होता हैं।

6. अपने जन्मदिन पर तुलादान करें...

अपने वजन के बराबर चारा गौ माता(गाय) को खिलाएं...


7. अपनी जन्म तिथि पर किसी धर्म स्थान / पार्क / नदी / तालाब के किनारे कोई शुभ, उपयोगी पेड़ जैसे आम, आंवला, नीम, पीपल, वट, बेलपत्र, अशोक, अर्जुन, जामुन इत्यादि को लगाएं। शास्त्रों के अनुसार जीवन में पेड़ लगाकर, उसकी सेवा करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि जैसे-जैसे ये पेड़ बढ़ेगा वैसे ही आप के जीवन में सुख और सौभाग्य आएगा।

8. वर्तमान समय में हम केक पर मोमबत्ती बुझा कर अपना नाम काट कर अपने लिए जीवन की राह में अंधेरा कर लेते हैं, खुद ही संकटो को बुलावा देते हैं जबकि हमें जीवन में हर्ष और प्रसन्नता चाहिए ना की अँधेरा... इसीलिए जन्मदिवस के दिन हमे भगवान के सम्मुख दीपक अवश्य जलाना चाहिए जिससे हमारा आने वाला समय हमारे जीवन में सुख-शान्ति, समृद्धि, सफलता और आरोग्य की रोशनी ले कर आएं।🪔


9. जन्मदिन में यदि रात्रि को आयोजन करना है तो अवश्य ही करें... लेकिन ध्यान दे कि दिन के प्रकाश में शुभ शक्तियाँ होती हैं, अत: दिन में जो आयोजन होता हैं उसमें तामसी पदार्थो, माँस , मदिरा आदि का प्रयोग बहुत ही कम होता हैं लेकिन रात्रि अर्थात अंधकार में असुरी शक्तियाँ विचरण करने लगती हैं... अत: रात्रि के आयोजन में सामान्यता: माँस, मदिरा आदि का उपयोग अधिक होता हैं। तब आप ही निर्णय करें कि अपने जन्मदिवस में आप अपनी लम्बी, सफल और समृद्धि से भरी जिंदगी की कामना करते हुए कुछ निर्दोष पशु-पक्षियों की जीवन की लौ बुझा देंगे..!

10. हर व्यक्ति चाहता है कि उसको यश मिले, उसका नाम सब जगह जाना जाएं, लोग उसका नाम आदर के साथ लें और करते हम सब उल्टा ही हैं... हम केक के ऊपर अपना (जिसका जन्मदिवस होता है उसका) नाम लिखवाकर खुद ही उसे चाकू से काटते हैं फिर उस नाम के टुकड़े-टुकड़े करके लोगो में खाने को बाँट देते हैं... यह हिन्दु धर्म के अनुसार बहुत ही अशुभ माना जाता हैं, अत: पहली बात तो यह है कि केक की जगह कोई अच्छी-सी मिठाई /लड्डू आदि हर्ष और प्रसन्नता के लिए बाँटे और यदि केक ही काटना हो तो उस पर अपना नाम लिखवाकर तो उसे कदापि ना कांटे और ना ही नाम को खाएं। केक पर नाम इसलिए भी ना लिखवाएं क्योंकि वहाँ पर उपस्थित सभी लोगो को इतना तो पता ही होता है कि जन्मदिवस किसका हैं...

अगर नाम लिखवा ही है तो किसी जनउपयोगी वस्तु पर अपना नाम लिखवाकर, उसे समाज को समर्पित करें।

11. जन्मदिवस पर आप अनाथ, गरीब और असहायों की अवश्य ही मदद करें... उन्हें फल, खिलौने, कपड़े आदि दें। उन्हें मीठा कुछ अच्छा खिलाएं / दान में दें, इससे आपको उनकी दिल से निकली हुई दुआएं मिलती हैं। याद रखिये हमारे अच्छे कर्मों के कारण मिलने वाली दुआएं, आशीर्वाद हमारे लिए एक रक्षा कवच का कार्य करती है। इनसे घोर से घोर कष्ट, संकट भी कट जाते हैं।

12. अपने जन्मदिवस पर बड़ों का आशीर्वाद एवं छोटों की शुभकामनाएं लें... उनसे गिफ्ट ना लें, नगद राशि तो बिल्कुल भी ना लें... इससे आपके सिर पर भार बढ़ता हैं।आ

जब आप अपने मित्रों को अपने जन्मदिन पर आमंत्रित करते हैं तो उन्हें आपके जन्मदिवस की खुशी से ज्यादा, इस बात की चिंता हो जाती है कि आपके ऊपर उन्हें पैसे खर्च करने पड़ेंगे... कईयों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती लेकिन लोग_निंदा के डर से उसे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इस तरह गिफ्ट के साथ-साथ उनकी हाय भी आपको उपहार स्वरूप मिल जाती हैं।

तो अब जब भी आपका, आपके परिवार के सदस्य या किसी परिचित का जन्मदिवस हो तो यहाँ पर बताई गई बातों पर अवश्य ध्यान दें... इससे ना केवल आप को पूर्ण आत्म शांति ही मिलेगी वरन आप हर वर्ष नयी ऊँचाइयों को भी छूते रहेंगे। 🙏🏻⛳👍🏻

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