देवी षष्ठी सूर्य की बहन है ये सूर्य की पहली किरण कहलाती है । ये ब्रह्मा की मानसी कन्या है, स्वामी कार्तिकेय की अधिकारिणी पत्नी है ।इनहे मातृकाओ मे देवसेना के नाम से जाना जाता है । यह संतान देने वाली और पुत्रो की अधिषठात्रि देवी है । बालको को दीर्घ आयु प्रदान करना और उनके रक्षण का काम करती है । यह गर्भाशय की अधिषठात्रि देवी है इनकी उपासना से गर्भाशय के समस्त रोग समाप्त हो जाते है। देवी षष्ठी शासन करने वाले पुत्रो को उतपन्न करती है।अगर आप चाहते है की आपका पुत्र शासन करने वाला हो, कोई उच्च पद पर आसीन हो, विधायक, सांसद प्रतिनिधि, मंत्री, प्रधानमंत्री आदि शासन करने वाले उच्च पद पर आसीन हो तो इसके लिए आपको देवी षष्ठी की उपासना करनी चाहिए । बालको के समस्त रोगों को ये समाप्त कर देती है । बिल्ली इनकी सवारी है और एक बालक को गोद मे ले रखा है और दूसरे बालक की उगली पकड रखी है।कार्तिक छठ तिथि को इनका पूजन करें और हर माह की शुक्ल पक्ष की छठ तिथि को इनका पूजन व व्रत करना चाहिए ।
ये छठ माता यानि जिन्हें षष्ठी देवी के नाम से जाना जाता है का अत्यंत महत्वपूर्ण दुर्लभ चित्र है ।
जय छठ माता जय षष्ठी माता ।
शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017
षष्ठी देवी की उपासना का दिन छठ पर्व
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