आमतौर पर लोग गुरु और शिक्षक को एक ही मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है..! गुरु और शिक्षक के बीच एक गहरा और महत्वपूर्ण दार्शनिक अंतर हैं। यह अंतर केवल शब्दों का नहीं, बल्कि भूमिका, उद्देश्य और प्रभाव का भी हैं। आईए जानते हैं गुरु और शिक्षक पर क्या भेद हैं...
गुरु आपके अन्त:करण पर दृष्टि रखता है, शिक्षक पाठ्यक्रम पर...
शिक्षक बदलते रहते हैं, गुरु एक ही रहते हैं।
गुरुपूर्णिमा गुरु के लिए है, शिक्षक दिवस शिक्षकों के लिए...
शिक्षक रिजल्ट बनाते हैं, गुरु जीवन...
शिक्षक संसार प्रवृत्त होते हैं, सेवा निवृत्ति के बाद वे अपने औपचारिक शैक्षिक दायित्वों से मुक्त हो जाते हैं।
इसके विपरीत, गुरू संसार से शिथिल या निवृत्त होते हुए भी, जीवनभर समष्टि-सेवा-प्रवृत्त रहते हैं।
शिक्षक बताते हैं, पूर्वज बन्दर थे...
गुरु बताते हैं नारायण /शिव/शक्ति सूर्य-चंद्र वंश के हो, अमुक ऋषि के गोत्र से हो...
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