एकनाथ , तुकाराम , रविदास जैसे अनेकों दलित हिन्दुओं के संत हैं, जो आज भी सभी सनातनियों के आदरणीय हैं, जिन्हे देखकर आज भी सभी हिंदू नतमस्तक होते हैं।
हमारे यहाँ अनेकों दलित राजा हुए हैं ,
जिनके अधीनता सभी हिन्दुओं को स्वीकार्य था।
अब......
पुराने काल की बात करें तो रामायण लिखने वाले दलित वाल्मिकी , राम के भी पूज्य थे , लव - कुश के गुरु थे, आज भी पूज्य हैं।
महाभारत के लेखक दलित वेदव्यास सबके पूज्य थे , आज भी पूज्य हैं।
भगवान बुद्ध भी आज की भाषा में दलित थे , वो भी भगवान विष्णु के दसवें अवतार थे ।
जबकि,
पिछले एक हजार वर्षों से, भारत के शासक हिन्दू नहीं मुस्लिम थे!(पूर्ण भारत पर अधिकार कभी नही कर पाये ! सिर्फ दिल्ली को छोड़कर)
उसके बाद दो सौ वर्षों तक भारत के शासक हिन्दू नहीं ईसाई थे-#अंग्रेज
पिछले सत्तर वर्षों तक,सेकुलर व दलितों के शुभचिन्तक बुद्धिजीवियों /कम्युनिस्टों / समाजवादियों का राज रहा !
दलितों / मजदूरों / किसानों की हमदर्द पार्टियों का शासन रहा मुझे कोई बताये की दलितों का कितना उत्थान हुआ?
अब बताओ दलितों का असली शत्रु कौन ???
दलित मायावती चार बार सीएम रहीं,
दलितों का कितना उत्थान हुआ...??
हजारों - करोड़ का लेदर इण्डस्ट्री उनसे कैसे?
किसने चालाकी से छीना...??
सीवेज ट्रीटमेण्ट की परिपाटी उनसे जबरन किसने करवाई .....?
हरमों का अपशिष्ट उनसे जबरन किसने फेकवाया...??
पाकिस्तान व बांग्लादेश के दलितों का किसने सफाया किया...??
अब आप जरा ठण्ढ़े दिमाग से सोचिएगा....
आरक्षण की व्यवस्था ने, सब दलितों को नौकरी दे दिया क्या..??
बाबा साहेब के संविधान ने क्या सभी दलितों का उत्थान कर दिया...??
तो आज तक आपके उत्थान न होने का जिम्मेदार आप खुद हैं!
क्योंकि आप बड़े वोटर हैं!
आपने हीं इन सबको जिताया है!
और आपसे भी ज्यादा वे बुद्धिजीवी , थिन्क - टैंक हैं!
जो विदेशी फण्डिंग पे आपको बरगलाते हैं!
हिन्दुओं को आपका शत्रु और विदेशी बताते हैं,
और दलित - मुस्लिम का गठजोड़ बनाते हैं ।
सावधान वर्ना उत्थान के बजाए सफाया न हो जाए हिंदुओं का!
क्योंकि काश्मीर से केवल पंडित हीं नहीं , दलित भी साफ हो गए !
बांग्लादेश और पाकिस्तान की तो बात ही न करो !
कोई शक!
जय श्री राम
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