विदेशी इसे अपना रहे हैं...
कान पकड़कर उठक-बैठक की सजा
भारत में गुरुकुल के ज़माने से आज तक स्कूल/विद्यालयों में बच्चों को उठक-बैठक की सजा देने की परम्परा चली आ रही है। दोनों हाथों को आपस में क्रॉस करके बाएं हाथ से दाहिने कान और दहिने हाथ से बाये कान को पकड़कर उठना बैठना होता था। जिस बच्चे को यह सजा मिलती वो तो शर्मसार हो जाता था, लेकिन हाल में हुई रिसर्च से पता चला है कि इस कसरत के लाभ अद्धभुत हैं।
कान पकड़कर उठक-बैठक करना यह प्राचीन योग है, जोकि दिमाग के लिए बहुत लाभदायक है। हमारे भारतीय स्कूलों में यह सजा अक्सर पढाई में कमजोर बच्चों को दी जाती है, लेकिन प्राचीन काल में ऐसा नहीं था..! उस समय गुरुकुलों में सभी को यह योग कराया जाता था। अब विदेशों में यह योग Super Brain Yoga के नाम से प्रसिद्ध हो रहा है...
हम भारतीयों का तो ऐसा है कि जब कोई ये न बोले – 'वैज्ञानिक रिसर्च में पता चला है...' विदेशी इसका पेटेंट करना चाहते हैं… फॉरेन साइंटिस्ट ने कहा, हम किसी बात का विश्वास ही नहीं करते..!
उठक बैठक के लाभ
यह योग करते समय ध्यान दें कि कान के उपरी हिस्से को नहीं बल्कि निचले हिस्से (Earlobe) को पकड़ा जाता है। कान के इस हिस्से में विशेष एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं, जिसे दबाने से दिमाग की विशेष तंत्रिकाओं में सक्रियता बढती है, मस्तिष्क कार्यक्षमता बढ़ती है।
इस पोजीशन में उठने बैठने से मस्तिष्क की मेमोरी सेल्स में तेजी से रक्त प्रवाह होता है। दिमाग के बाये और दायें हिस्सों की कार्यप्रणाली में सामंजस्य स्थापित होता है, जिससे कि मन शांत और केन्द्रित होता है। फलस्वरूप याददाश्त तेज होती है और दिमाग तेज होता है।
यह योग करने से Autism, Asperger’s syndrome जैसी दिमागी बीमारियाँ, सीखने और व्यवहार सम्बन्धित रोग में भी लाभ मिलता है। इसी लाभ के कारण कक्षा के कमजोर और शरारती बच्चों को यह योग करवाया जाता था, लेकिन इसे कोई भी करे उसे लाभ ही मिलेगा।
उठक-बैठक कैसे करें..?
सामने देखते हुए सीधे खड़े हों, ठुड्डी जमीन के समानांतर हो... दोनों पैर कंधो की चौड़ाई जितना दूरी पर हो और पंजे सीधे हों... अब सीने के सामने से दोनों हाथो को क्रॉस करते हुए बाएं हाथ से दाहिने कान का निचला हिस्सा और दाहिने हाथ से बाएं कान का निचला हिस्सा पकड़ें... कान न बहुत तेजी से दबाएँ कि एकदम लाल ही हो जाएँ न एकदम हल्के से. मध्यम प्रेशर लगाते हुए पकड़ें, कान के सिरे को अंगूठे और पहली ऊँगली के बीच पकड़ें... अंगूठे ऊपर की तरफ हो और ऊँगली पीछे जाये... हाथ सीने के ऊपर हों, जिसमें दाहिना हाथ ऊपर आये... सामने देखते हुए धीरे-धीरे बैठना शुरू करें, आराम से जितना झुक सकें झुकें फिर धीरे-धीरे उठ खड़े हों... बैठक लगाते समय सांस छोड़ें और उठक लगाते समय सांस लें... एक बार में 1 से 3 मिनट तक यह करें। उठक-बैठक के तुरंत बाद आप अनुभव करेंगे कि दिमाग शांत होता है और फ्रेश ऊर्जा महसूस होती है। इस योग को करने से तुरंत लाभ तो मिलते हैं, लेकिन करीब 3 हफ्ते तक करने से ही बड़े बदलाव महसूस होंगे। यह योग करते समय जीभ को तालू से सटाकर रखें, अधिक लाभ मिलेगा।
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