1. संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे। (कौरवों को देख लो)
2. आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा। (कर्ण को देख लो)
3. संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर, सर्वनाश को आमंत्रित करें। (अश्वत्थामा को देख लो)
4. कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े। (भीष्म पितामह को देख लो)
5. संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता हैं। (दुर्योधन को देख लो)
6. मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह, काम और अंधव्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती हैं। (धृतराष्ट्र को देख लो)
7. यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती हैं। (अर्जुन कौ देख लो)
8. हर कार्य में छल, कपट व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते... (शकुनि को देख लो)
9. यदि आप नीति, धर्म व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती... (युधिष्ठिर को देख लो)
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो... 🙏🏻⛳
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