लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः।
उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनो मम।। 25।।
विना कौलं च पश्वस्तेषां भक्ष्या मतामम।
मुसलेनैव संस्कारः कुशैरिव भविष्यति ।।26।
तस्मान्मुसलवन्त ो हि जातयो धर्मदूषकाः।
इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृतः ।। 27।।
(भविष्य पुराण पर्व 3, खण्ड 3, अध्याय 1, श्लोक
25, 26, 27)
5 हज़ार वर्ष पहले भविष्य पुराण में स्पष्ट लिखा है।
इसका हिंदी अनुवाद: रेगिस्तान की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा जिसका नाम महामद (मोहम्मद) होगा, वो एक ऐसे धर्म की नींव रखेगा जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर
उठेगी। वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा। उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे। वो बहुत शोर करेंगे और मानव जाति को नाश करने की चेष्टा करेंगे। राक्षस जाति को बढ़ावा देंगे एवं वे अपने
को मुसलमान कहेंगे।
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