#ओम_एकदंताय_नमो_नमः
अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा-देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं और 3, 5, 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। आप सब से निवेदन है कि आप गणपति की स्थापना करें, पर विसर्जन नहीं...
विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता हैं, क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे। वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था। जितने दिन गणेश जी वहां रहें, उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीं रही... इनके रहने से लालबाग धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया। यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
अब रही बात देश की अन्य स्थानों की... तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नहीं किया जाता..! वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि-सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन में बचा ही क्या..?
हम बड़े शौक से कहते हैं... गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी मे बहा दिया तो आप खुद सोचो... कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोंगे..? किस प्रकार दीपावली पूजन करोंगे..? आप कैसे पूजन करने का अधिकार रखते हो, जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए उन्हें भेज ही दिया...
इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करें।
हे मेरे प्रभु गणेशा! आप रहना साथ हमेशा... 🙏🏻⛳