'खाना' खाते खल सभी, संत करें 'आहार'
सज्जन 'भोजन' को करें, भाषा क्रिया प्रकार...
अर्थात: खाना 'दुष्ट' लोग खाते हैं, भोजन 'सज्जन' लोग करते हैं और आहार 'संत' लोग करते हैं।
1. 'खाना' खाया जाता है, 'भोजन' किया जाता है, 'आहार' लिया जाता हैं।
2. 'खाना' काँटे-चाकू से खाया जाता है, 'भोजन' एक हाथ से किया जाता है, 'आहार' दोनों हाथ से लिया जाता हैं।
3. दूसरों का पेट काटकर अपना पेट भरने को 'खाना' कहा जाता है, जीवन जीने के लिए 'भोजन' है तथा त्याग, तपस्या, संयम और साधना के लिए पेट भरना 'आहार' हैं।
तो आज से हम 'सज्जन लोग' 'भोजन' करेंगे और करवाएँगे...
🙏🏻 जय सनातन ⛳ जय श्री राम 🪔