शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

भगवान श्री कृष्ण के बारे में संपूर्ण जानकारी...

🔅 जन्म तिथि ● 3228 ईसा पूर्व

🔅 मास ● भाद्रपद 

🔅दिन ● अष्टमी

🔅नक्षत्र ● रोहिणी

🔅 दिन ● बुधवार

🔅समय ● 00:00 पूर्वाह्न

🔅 वंश ● चंद्रवंशी यदुवंशी क्षत्रिय राजपूत

🔅 कुल ● चंद्रवंशी क्षत्रिय राजपूत

🔅वर्तमान में श्री कृष्ण के वंशज ● जादौन, भाटी, जाड़ेजा, चुडासमा, सरवैया, रायजादा, सलारिया, छोकर, जाधव राजपूत ही श्रीकृष्ण के वास्तविक वंशज हैं ।

🔅 श्री कृष्ण ● 125 वर्ष, 08 महीने और 07 दिन जीवित रहे।

🔅 मृत्यु तिथि ● 3102 ईसा पूर्व।

🔅जब कृष्ण 89 वर्ष के थे ● मेगा युद्ध (कुरुक्षेत्र युद्ध) हुआ। 

🔅कुरुक्षेत्र युद्ध के 36 साल बाद ● उनकी मृत्यु हो गई। 

🔅कुरुक्षेत्र युद्ध ● मृगशिरा शुक्ल एकादशी, ईसा पूर्व 3139. यानी " 3139 ईसा पूर्व" को शुरू हुआ था और " 3139 ईसा पूर्व" को समाप्त हुआ था। 

🔅 "3139 ईसा पूर्व को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच एक सूर्य ग्रहण था"; जयद्रथ की मृत्यु का कारण

🔅भीष्म की मृत्यु ● (उत्तरायण की पहली एकादशी) को 3138 ईसा पूर्व में हुई थी।

🔅 जैविक पिता ● महाराज वासुदेव

🔅 जैविक माता ● माता देवकी

🔅 दत्तक पिता ● नंद 

🔅 दत्तक माता ● यशोदा

🔅 बड़े भाई ● बलराम

🔅 बहन ● सुभद्रा

🔅जन्म स्थान ● मथुरा

🔅पत्नियाँ● रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी, मित्रविंदा, नग्नजिती, भद्रा, लक्ष्मणा

🔅 भगवान श्रीकृष्ण के 80 पुत्र ● 

किस रानी ने किस पुत्र को जन्म दिया। 
प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारू, चरुगुप्त, भद्रचारू, चारुचंद्र, विचारू और चारू रुक्मिणी के पुत्र थे। साम्ब, सुमित्र, पुरुजित, शतजित, सहस्त्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ और क्रतु जाम्बवती के पुत्र थे। भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु, सत्यभामा के पुत्र थे। श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास और सोमक, कालिंदी के पुत्र थे। वहीं वृक, हर्ष, अनिल, गृध्र, वर्धन, अन्नाद, महांस, पावन, वह्नि और क्षुधि, मित्रविन्दा के पुत्र कहलाएं। जबकि प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊध्र्वग, महाशक्ति, सह, ओज और अपराजित, लक्ष्मणा की गर्भ से जन्मे थे। वीर, चन्द्र, अश्वसेन, चित्रगुप्त, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुंति, सत्या के पुत्र कहलाएं और संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक भद्रा के पुत्र थे।

🔅 बताया जाता है कि कृष्ण ने अपने जीवनकाल में केवल 4 लोगों का नरसंहार किया थी। 

⚘️(i) चानूरा ● पहलवान
⚘️(ii) कंस ● उसके मामा
⚘️(iii) शिशुपाल ● और
⚘️(iv) दंतवक्र ● उसके चचेरे भाई. 

🔅श्रीकृष्ण का विभिन्न स्थानों पर जीवन काल कृष्ण ने अपना जीवन 3 प्रमुख भागों में बिताया ● 

⚘️ व्रज लीला ● 11 वर्ष 6 महीने (बृंदावन में एक बच्चे के रूप में)

⚘️ मथुरा लीला ● 10 वर्ष 6 महीने (अपने ⁰pमामा कंस को मारने के बाद एक किशोर के रूप में )

⚘️ द्वारका लीला ● 105 वर्ष 3 माह (द्वारका में राज्य स्थापित करने के बाद

🔅श्री कृष्ण के दादा दादी के नाम ●

⚘️श्री कृष्ण के दादा का नाम शूरसेन था I

⚘️श्री कृष्ण की दादी का नाम मारिषा था I

🔅 वासुदेव श्री कृष्ण के माता पिता के नाम ● 

⚘️ श्रीकृष्‍ण की माता का नाम देवकी और पिता का नाम वासुदेव था I

⚘️ परंतु श्रीकृष्‍ण का लालन-पालन माता यशोदा व पिता नंदबाबा ने किया था I

⚘️ श्रीकृष्‍ण की सौतेली मां रोहिणी (बलराम की मां) ‘नाग’ जनजाति की कन्या थीं।

🔅 योगेश्वर श्री कृष्ण की बुआ के नाम ● 

⚘️ श्रीकृष्‍ण की बुआ का नाम कुंती और सुतासुभा था। 

⚘️ श्रीकृष्‍ण की बुआ कुंती के पांच पांडव पुत्र थे, जिनके नाम :- युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन ये माता कुंती के पुत्र थे।

⚘️ नकुल और सहदेव की माता का नाम माद्री था और दूसरी बुआ सुतासुभा के एक पुत्र का नाम शिशुपाल था।

🔅 वासुदेव श्री कृष्ण के भाई बहनों के नाम

⚘️🔅 श्री कृष्ण के बड़े भाई का नाम बलराम और अन्य भाइयो के नाम नेमिनाथ और गद था।

⚘️🔅 वासुदेव श्री कृष्ण के बदले जेल में बदली गई यशोदा की पुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी जातीं हैं।              
        
   
⚘️🔅भगवान कृष्ण की 3 बहनें भी थीं जिनका नाम ● 

⚘️ एकानंगा (यह यशोदा की पुत्री थीं), सुभद्रा और द्रौपदी (मानस भगिनी)।           

                                
⚘️ श्रीकृष्ण का द्रौपदी से अनूठा रिश्‍ता था। दौप्रदी को श्रीकृष्‍ण अपनी बहन के समान ही मानते थे। दोनों में भाई-बहन का प्रगाढ़ संबंध था।       
                                     
⚘️भगवान कृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का विवाह अपनी बुआ कुंती के पुत्र अर्जुन से किया था।     

⚘️जैन परंपरा के मुताबिक भगवान श्री कॄष्ण के चचेरे भाई का नाम तीर्थंकर नेमिनाथ था, जो हिंदू परंपरा में घोर अंगिरस के नाम से आगे चलकर प्रसिद्ध हुये थे।

🌹🔅श्री कृष्ण के पुत्र का नाम ●

⚘️योगेश्वर श्रीकृष्ण के पुत्र का नाम साम्ब था।

⚘️श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब की पत्नी का नाम लक्ष्मणा था।

⚘️श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब की पत्नी लक्ष्मणा दुर्योधन की पुत्री थी।

🌹🔅योगेश्वर श्री कृष्ण की पत्नियों के नाम ● 

⚘️श्री कृष्ण ने 16000 राजकुमारियों को
असम के राजा नरकासुर की कारागार से मुक्त कराया था।  
                                                                                  
⚘️श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थीं, जिनके नाम :- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था।

🔅. श्री कृष्ण के सखा व सखीयो नाम
भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा सहित राधा की अष्ट सखियां भी थीं।

⚘️ उन अष्टसखियों के नाम इस प्रकार हैं। 1. ललिता 2. विशाखा 3. चित्रा 4. इंदुलेखा 5. चंपकलता 6. रंगदेवी 7. तुंगविद्या और 8. सुदेवी।

⚘️ब्रह्मवैवर्त पुराण के मताअनुसार भगवान श्रीकृष्ण की सखियों के नाम इस प्रकार से थे। 1. चन्द्रावली, 2. श्यामा, 3. शैव्या, 4. पद्या, 5. राधा, 6. ललिता, 7. विशाखा तथा 8. भद्रा।
भगवान श्रीकृष्ण के कई बाल सखा थे। जिनके नाम इस प्रकार से थे :- सुदामा, श्रीदामा, मणिभद्र, सुभद्र, भद्र, सुबाहु, सुबल, मकरन्‍द, सदानन्द, मधुमंगल, भोज, तोककृष्ण, वरूथप, मधुकंड, विशाल, रसाल, चन्द्रहास, बकुल, शारद और बुद्धिप्रकाश आदि...
उद्धव और अर्जुन बाल सखा नहीं थे, वे बाद में सखा बने थे। परन्तु बलराम उनके बड़े भाई भी थे और उनके सखा भी थे।

🔅वासुदेव श्री कृष्ण के शरीर के बारे में जानकारी ● 

⚘️हाथों में बांसुरी, सिर पर मोर मुकुट, तन पर पीले वस्‍त्र और गले में बैजयंती माला धारण करने वाले योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का रूप बड़ा ही मनोरम नजर आता है। 
भगवान श्री कृष्ण को प्रा:य लोग काला या सांवला मानते हैं परन्तु भगवान श्री कृष्ण की त्वचा का रंग मेघश्यामल थी, काला या सांवला नहीं..!

⚘️श्री कृष्ण भगवान के शरीर से एक बहुत ही मादक गंध निकलती थी, जिसको वे युद्ध काल में छुपाने का हर समय प्रयास करते रहते थे जिससे उनकी और कोई भी आकर्षित ना हो।
जब भगवान श्री कृष्ण के परम धाम जाने का समय हुआ, तब ना तो उनका एक भी बाल सफ़ेद था और ना ही उनके शरीर और उनके चहरे पर पर किसी प्रकार की बुढ़ापे को दर्शाने वाली कोई झुर्री थीं। 
भगवान श्रीकृष्ण के बाल बड़े ही घुंघराले थे और उनकी आंखें बड़ी ही मनमोहक थी।

🔅 श्री कृष्ण की शिक्षा के बारे में 

योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनी थे, जिनका आश्रम अवंतिका (उज्जैन) में था।

⚘️इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के गुरु गर्ग ऋषि, घोर अंगिरस, नेमिनाथ, वेदव्यास आदि भी बताये जाते हैं।

⚘️भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भांजे अभिमन्यु को गर्भ में शिक्षा दी थी।

🌹🔅 श्री कृष्ण के अस्त्र शस्त्रों के नाम ●                                                   

⚘️देवकीनंदन भगवान श्रीकृष्ण के शंख का नाम पांचजन्य था, जिसका रंग गुलाबी था।
योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के पास जो रथ था, उसका नाम जैत्र था।

⚘️भगवान श्री के रथ को चलाने वाले सारथी का नाम दारुक (बाहुक) था।
श्री कृष्ण के रथ में जो घोड़े (अश्वों) थे, उनके नाम प्रकार थे :- 1. शैव्य, 2. सुग्रीव, 3, मेघपुष्प और 4. बलाहक

🔅योगेश्वर श्री कृष्ण की युद्ध कला के बारे में जानकारी 

⚘️भगवान श्री कृष्ण की सेना नारायणी सेना के नाम से जनि जाती थी।

⚘️श्री कृष्ण ने 16 वर्ष की आयु में चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों के मलयुद्ध करके उनका वध किया था। 

⚘️वासुदेव भगवान श्री कृष्ण ने कई अभियान और युद्धों का संचालन किया था, परंतु इसमें तीन युद्ध सर्वाधिक भयंकर थे। जिनमे मुख्यत: 1. महाभारत, 2. जरासंध और कालयवन के विरुद्ध 3. नरकासुर के विरुद्ध किया गया युद्ध
भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को अपनी हथेली के प्रहार से काट कर वध किया था।

⚘️श्री कृष्ण के जीवन का सबसे भयंकर द्वंद्व युद्ध सुभुद्रा की प्रतिज्ञा के कारण अर्जुन के साथ हुआ था। इस युद्ध में श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र और अर्जुन ने पाशुपतास्त्र निकाल लिए थे।
ये दोनों शस्त्र सबसे विनाशक शस्त्र मने जाते हैं। युद्ध के भयंकर परिणाम को देखते हुये देवताओं के हस्तक्षेप करने पर दोनों शांत हुए और युद्ध विराम के बाद सुलह हुई।

उज्जैन के संदीपनी आश्रम में मात्र कुछ महीनों में ही भगवान श्री कृष्ण ने अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी कर ली थी। संदीपनी आश्रम में उन्होंने 16 विद्याये और 64 कलाओं के बारे में सीखा।

🔅वासुदेव भगवान श्री कृष्ण का श्रीमद्भगवत गीता उपदेस ●

⚘️ सबसे पहले श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान भगवान श्रीकृष्ण सूर्य को दिया था। उसके बाद महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवत गीता का उपदेश दिया था, जो कालांतर बाद के श्रीमद्भगवत गीता नाम से प्रसिद्ध हुआ।
भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवत गीता में कर्म को प्रधान बताया... 
आएये जानते है भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवत गीता में क्या कहा...

🔅श्रीमद्भगवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं ●

⚘️भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता में ज्ञान योग, बुद्धि योग, कर्म योग, भक्ति योग आदि का उपदेश दिया था


⚘️श्रीमद्भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने धेर्य, संतोष, शांति, मोक्ष, और सिद्धि को प्राप्त करने के बारे में उपदेश दिया।

⚘️तुम केवल एक आत्मा हो, तुम अपने आत्मीय स्वजन और बंधु बांधों के मोह का त्याग कर दो। तुम प्रेम से मुझ में अपना मन लगाकर कर्म करते हुये पृथ्वी पर निर्भय होकर विचरण करो।

⚘️इस संसार में जो कुछ मन से सोचा, वाणी से कहा, नेत्रों से देखा और श्रवण आदि इंद्रियों से अनुभव किया जाता है, वह सब नाशवान माया मात्र मिथ्या है।

⚘️यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् II :- अर्थार्थ– जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब मैं अपने स्वरूप की रचना करता हूँ


⚘️परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ :- अर्थार्थ — साधुओं की रक्षा के लिए, दुष्कर्मियों का विनाश करने के लिए, और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में मानव के रूप में अवतार लेता हूँ।

⚘️कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ :- अर्थार्थ — भविष्य की चिंता किए बिना जो कर्म आप कर रहे हो, उसे पूरी दृढ़ता से करते रहना चाहिए। फल की चिंता मत करो। आपके जैसे कर्म होंगे, वैसा फल आपको निश्चित मिलेगा।
भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवत गीता के अलावा अनुगीता, उद्धव गीता के रूप में भी गीता का ज्ञान दिया था।

🔅भगवान् श्री कृष्ण ने 2 नगरों की स्थापना की थी...

⚘️द्वारिका (जिसका पहले नाम कुशावती था ) और दूसरी पांडव पुत्रों के द्वारा इंद्रप्रस्थ ( जिसका पहले नाम खांडवप्रस्थ) था।

⚘️वासुदेव भगवान श्री कृष्ण अपने अंतिम वर्षों को छोड़कर कभी भी 6 महीने से ज्यादा द्वारिका में नहीं रहें।

⚘️पौराणिक मान्यताओं अनुसार प्रभु श्री राम ने त्रेता युग में बाली को छुपकर तीर मारा था और श्री राम ने द्वापरयुग में कृष्णावतार रूप मे उसी बाली को जरा नामक बहेलिया बनाया और अपने लिए वैसी ही मृत्यु चुनी, जैसी प्रभु श्री राम ने बाली को दी थी।
            🙏🏻 जय श्री राम ⛳
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬