- विदशों में विदेशी गाय उसके मांस (बीफ) के लिए पाली जाती है और दूध उसका गौढ़ उत्पाद है। अतः विदेशों में विदेशी गऊ वंश की उपयोगिता दूध पर से समाप्त या कम होते ही उसका मांस प्राप्त एवं उपयोग कर लिया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि विदेशों में गौ पालन फार्म्स की 90 प्रतिशत से अधिक आमदनी बीफ के द्वारा होती है जबकि देशी गाय को बीफ के लिए पाला जाना भारतवर्ष में असंभव है। अतः यह विचारणीय प्रश्न है कि गौ हत्या बंदी में विदेशी गाय को शामिल न किया जाये केवल देशी गौ हत्या बंदी हो। यह विदेश की स्थिति व देश की स्थिति की विडम्बना है कि देश के सिकुड़ते हुए संसाधनों में विदेशी गाय देशी गाय का हिस्सा ले इससे उलट विदेशी गाय का स्वभाविक प्रयोग जो विदेशों में होता है, बीफ के लिए किया जाये।
शनिवार, 18 जनवरी 2020
गाय vs cow
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सहमत हैं भाई जी
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